भारतीय सेना का बेड़ा निरंतर मजबूत हो रहा है. अब विशेष प्रकार के मानव रहित ड्रोन मिलने से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ने वाली है. इससे अपना कोई नुकसान किए बिना दुश्मनों को खत्म करना सेना के लिए काफी आसान हो जाएगा. और यह बीहड़ इलाकों में भी दुश्मन की सेना का बड़ी आसानी के साथ सफाया करेगा. इस मानव रहित हवाई यान (यूएवी) का नाम ‘नागास्त्र’ है, जो भारतीय सेना के लिए किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं होगा. नागपुर की एक कंपनी ने भारत में तैयार पहला स्वदेशी लोइटर म्यूनिशन यानी नागास्त्र-1 सेना को सौंप दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज ने ड्रोन को तैयार किया है. भारतीय सेना ने सोलर इंडस्ट्रीज इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) को आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत करीब 480 नागास्त्र का ठेका दिया था. यह सोलर इंडस्ट्रीज नागपुर की अनुषंगी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड के सहयोग से बनाया गया है. सेना को सौंपने से पहले ड्रोन की जांच की गई. उसके बाद कंपनी ने सेना के आर्मी एम्यूनिशन डिपो को 120 लोइटर म्यूनिशन सौंपे.
विशेषताएं – स्वदेशी नागास्त्र-1 में कई विशेषताएं हैं. इस ड्रोन में एक कामिकेज मोड है, जिसके जरिए दो मीटर तक जीपीएस की मदद से किसी भी खतरे को बेअसर कर सकता है. नौ किलो वजन वाला मानव रहित हवाई यान 30 मिनट तक उड़ सकता है. मैन इन लूप रेंज 15 किमी और 30 किमी की ऑटोनॉमस मोड रेंज है. इसकी विद्युत प्रणोदन प्रणाली 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दुश्मन का पता लगाने का काम करती है.