बरेली, उत्तर प्रदेश
आज के समय में खेती करना सरल नहीं है। महंगे उर्वरक और कीटनाशकों के बढ़ते दाम किसानों की आमदनी को कम कर रहे हैं, साथ ही इनके अधिक प्रयोग से जमीन भी बंजर होती जाती है। लेकिन कुछ किसान हार मानने के बजाय नए तरीके अपनाकर खेती को लाभदायक बना रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण है रम्पुरा गांव के सुभाष चंद्र गंगवार का, जिन्होंने जैविक खेती अपनाकर घाटे को मुनाफे में बदल दिया, जी हां सुभाष चंद्र गंगवार ने वर्ष 2021 में इंटरनेट के माध्यम से खेती की आधुनिक और जैविक तकनीक सीखी। इसके बाद उन्होंने खेतों में गोबर से बनी देसी खाद का प्रयोग शुरू किया। रासायनिक कीटनाशकों की जगह गाय के गोबर और मूत्र से तैयार जीवामृत और घनजीवन अमृत का छिड़काव करने लगे। इन तरीकों से उनका खर्च 20 प्रतिशत से भी कम रह गया और पैदावार अच्छी होने लगी।
जैविक खेती की वजह से उनकी उपज स्थानीय बाजार में ही अच्छे दामों पर बिक जाती है। अभी वह धान और गेहूं के साथ अरहर, हल्दी जैसी दूसरी फसलों की खेती की तैयारी भी कर रहे हैं। आज के समय में सुभाष चंद्र गंगवार लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। अगर मन में कुछ करने की इच्छा हो तो मेहनत, लग्न से लक्ष्य पाया जा सकता है।