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महाकुंभ में PM मोदी ने संगम में लगाई 11 डुबकियां, 108 बार जपी रुद्राक्ष की माला, मां गंगा की आराधना की

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महाकुंभ 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने संगम में लगाईं 11 डुबकियां, 108 बार जपी रुद्राक्ष की माला


  •  गुप्त नवरात्रि के दौरान भीमा अष्टमी तिथि, भरनी नक्षत्र और पावन शुक्ल योग में हुए इस स्नान ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया
  •  प्रधानमंत्री ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर देशवासियों के आरोग्य और समृद्धि की कामना की

प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाकुंभ के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में विशेष मुहूर्त में 11 पवित्र डुबकियां लगाईं। गुप्त नवरात्रि के दौरान भीमा अष्टमी तिथि, भरनी नक्षत्र और पावन शुक्ल योग में हुए इस स्नान ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर देशवासियों के आरोग्य और समृद्धि की कामना की।

गुप्त नवरात्रि और 2019 से जुड़ा संयोग-

इस वर्ष की तरह 2019 में भी प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ में स्नान किया था, जब भीमा अष्टमी, भरनी नक्षत्र और शुक्ल योग का संयोग बना था। संयोगवश, 2014 में जब उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब भी यही विशेष योग था।


गंगा स्नान और पूजन का विस्तृत क्रम-

प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे और हेलीकॉप्टर से डीपीएस मैदान होते हुए अरैल घाट पहुंचे। वहां से वे मोटर बोट के जरिए 10:49 बजे संगम तट पर पहुंचे। ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच उन्होंने श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और फिर स्नान के लिए संगम में प्रवेश किया।

सिंदूरी लाल ट्रैक सूट और गहरे नीले रंग के पायजामे में गले में रुद्राक्ष की माला पहने प्रधानमंत्री ने संगम में प्रवेश किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने मां गंगा को प्रणाम किया और 11 बार डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने सूर्य को अर्घ्य देकर 108 बार रुद्राक्ष की माला का जप किया और मां गंगा को चुनरी चढ़ाई। उन्होंने तांबे की लुटिया में लाए जल से सोना और काले तिल के साथ तर्पण-अर्पण भी किया।

स्नान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने काले रंग का कुर्ता, जैकेट, हिमाचली टोपी, सफेद पायजामा और केसरिया गमछा धारण किया। पुजारियों राजेश तिवारी, अभिषेक शुक्ला और गिरीश मिश्रा ने षोडशोपचार विधि से मां गंगा का दुग्धाभिषेक, आरती और पूजन कराया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान देशवासियों के सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना की।

मोदी का मौन और आध्यात्मिक शक्ति-

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मौन से भी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। गुप्त नवरात्रि में साधना और तपस्या को महत्वपूर्ण माना जाता है, और प्रधानमंत्री का यह गंगा स्नान इसी परंपरा के अनुरूप रहा। उन्होंने सोशल मीडिया पर संगम स्नान की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला।"

2019 में दिया था सामाजिक समरसता का संदेश-

2019 के कुंभ में प्रधानमंत्री मोदी ने सफाईकर्मियों के पांव पखारकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया था। उस दौरान प्यारे लाल, ज्योति, चौबी, होरीलाल और नरेश कुमार ने प्रधानमंत्री से यह सम्मान पाकर भावुकता में आंसू बहाए थे। मोदी ने इसे अपने जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल बताया था।

महाकुंभ में उमड़ा आस्था का सैलाब-

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 39 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ का अंतिम स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा।

प्रधानमंत्री मोदी कुल 39 मिनट तक संगम तट पर रहे। इसके बाद वे 11:28 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मोटर बोट से अरैल स्थित हेलीपैड की ओर रवाना हुए। रास्ते में उन्होंने श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और मुख्यमंत्री योगी से महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली।

PM  मोदी ने X  पर लिखा है 

प्रयागराज में महाकुंभ में आकर धन्य हुआ। संगम पर स्नान दिव्य जुड़ाव का क्षण है और इसमें भाग लेने वाले करोड़ों अन्य लोगों की तरह, मैं भी भक्ति की भावना से भर गया।

माँ गंगा सभी को शांति, ज्ञान, अच्छे स्वास्थ्य और सद्भाव का आशीर्वाद दें।

प्रयागराज महाकुंभ में आज पवित्र संगम में स्नान के बाद पूजा-अर्चना का परम सौभाग्य मिला। मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला है। उनसे समस्त देशवासियों की सुख-समृद्धिआरोग्य और कल्याण की कामना की। हर-हर गंगे

 

महाकुंभ में प्रधानमंत्री मोदी के इस स्नान ने आध्यात्मिक आस्था और भारतीय संस्कृति की शक्ति को एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।