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अब वियतनाम और कम्बोडिया में भी चमकेंगे बरेली के जरी वाले गाउन

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भारतीय पोशाकों की आज विदेशों में भी लगातार मांग बढ़ रही हैं. वहां के प्रत्येक नागरिक के दिल में भारतीय पहनावे की एक अलग ही छाप है. कुछ इसी तरह कारीगरों की कला व बारीक धागे से कढ़ाई कर बरेली की जरी वाले गाउन की चमक अब विदेशों में बढ़ने लगी है. पीलीभीत के निवासी उद्यमी सुदीप राजगढ़िया ने बताया है कि बरेली के बने गाउन अब विदेशों में भेजे जा रहे हैं. एक जिला एक उत्पाद योजना से उन्होंने उद्योग की शुरुआत की.

उन्हें इस काम का जरा भी अनुभव नहीं था, लेकिन इस काम को विदेशों में पहचान दिलाने के लिए उन्होंने 2017 में इसे आरम्भ किया. सरकारी योजना से पैसे लेकर काम शुरू किया. तब उनकी फैक्ट्री में 180 लोगों के स्टाफ में टेलर, कटिंग मास्टर ही थे. वे अगस्त में कम्बोडिया और वियतनाम गए, वहां उन्होंने सेमिनार कर व्यापारियों और लोगों को भारतीय जरी की विशेषता बताई. दोनों देशों के व्यापारियों ने काम करने के लिए अपनी सहमती दी.

बरेली की जरी से बनी ड्रेस कितनी सुंदर होगी, यह इससे पता चलता है कि कोलंबिया ब्यूटी प्रतियोगता में मुख्य अतिथि मिस यूनिवर्स शेन्निस पलासियोस ने बरेली की ड्रेस पहनी थी. आपको बता दें कि यहां गाउन, लहंगा व शाट ड्रेस बनाए जाते हैं. कम्बोडिया और वियतनाम के अतिरिक्त अन्य देशों में भी यहां की ड्रेस भेजी जाती हैं.

भारतीय पहनावा यहां की संस्कृति, परम्परा और रंगरूप को दर्शाता है. जिसकी मांग अब विदेशों में भी लगातार बढ़ रही है. विदेशों में जब भारतीय कला से बनी कोई पोषक पहनी जाती है तो उसे देखकर दिल खुशी से भर जाता है. अब विदेशों में भारत के पहनावे से अलग पहचान बन रही है