चंपावत। प्रदेश के माता-पिता विहीन छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। इस दायरे में आने वाले कक्षा छह से 12वीं तक के अनाथ बच्चों को अब पढ़ाई आगे जारी रखने के लिए शैक्षिक सहायता मिलने जा रही है। आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर रखी गई है।
आज के समय में शिक्षा की आवश्यकता हर वर्ग के बच्चे को होती है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से भी मदद पहुंचाई जाती है. ऐसा ही एक प्रयास उत्तराखंड के चंपावत में भी देखने को मिला है. जहां पर कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के अनाथ बच्चों को आगे की पढाई जारी रखने के लिए शैक्षिक मदद दी जाने वाली हैं. इसके आवेदन के लिए अंतिम तिथि 15 सितम्बर निर्धारित की गई है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की यह योजना उत्तराखंड के सभी जिलों में चलाई जाने वाली हैं. बीते कुछ वर्षों में किसी गंभीर बीमारी और महामारी से अपने माता-पिता को खोने के कारण या गरीबी से अनाथ बच्चों की पढाई में बाधा आती हैं, लेकिन अब इन बच्चों की पढाई का अधूरा सपना इस योजना से पूरा हो जाएगा. उत्तराखंड राज्य बाल विकास परिषद ने इस योजना के सम्बन्ध में शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जिले में माता-पिता विहीन विद्यार्थियों की जानकारी मांगी हैं.
ये आवेदन पत्र सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के द्वारा ही भरे जाएंगे. शैक्षिक मदद के लिए आवेदक का नाम पूर्व व्याख्या सहित व पिछले वर्ष की समय सारणी, माता-पिता विहीन प्रमाणपत्र की प्रति, विद्यालय का पता, संयुक्त प्रस्ताव पर निश्चित तिथि तक कार्यालय को भेजी दी जाएगी.
केंद्र सरकार का यह प्रयास अनाथ बच्चों को शिक्षा की मदद पहुंचाने में बहुत ही सहायक होगा. इसके माध्यम से वे छात्र जिनकी पढाई बीच में ही किसी कारणवश बंद हो गई थी, उन्हें एक बार फिर से पढने का मौका मिलने वाला हैं.