- खुफिया एंजेसियां अलर्ट पर, सोशल मीडिया पर नजर
संभल। मौलाना तौकीर रजा, जो इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष हैं, ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा में मारे गए पांच युवकों को "शहीद" बताया है। इस बयान के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, क्योंकि यह संवेदनशील मुद्दा समुदायों के बीच तनाव बढ़ा सकता है। मौलाना के इस बयान को स्थानीय प्रशासन और सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। एजेसियां सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए हुए हैं।
घटना का संदर्भ -
संभल में हाल ही में सांप्रदायिक तनाव के कारण हिंसा हुई, जिसमें आगजनी और पथराव की घटनाएं सामने आईं। मौलाना तौकीर रजा ने इन घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हिंसा की निंदा की, लेकिन उन्होंने इसे प्रशासन की नाकामी करार दिया। उनका कहना है कि "बिना इजाजत किसी के घर में घुसने की कोशिश" के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि पीड़ित युवकों के खिलाफ अन्याय हुआ और उन्हें "शहीद" का दर्जा दिया जाना चाहिए।
विवादित बयान और खुफिया एजेंसियों की प्रतिक्रिया -
मौलाना ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन साथ ही हिंसा की जड़ तक पहुंचने की जांच की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समुदाय की मांगें नहीं मानी गईं, तो स्थिति और खराब हो सकती है। उनके इस बयान को "भड़काऊ" माना जा रहा है, जो सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकता है। इस कारण खुफिया एजेंसियों ने क्षेत्र में निगरानी तेज कर दी है और उच्च सतर्कता के निर्देश दिए हैं।
मौलाना तौकीर रजा की पृष्ठभूमि -
तौकीर रजा पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। वे सरकार पर मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली के घेराव की अपील करते हुए कहा कि समुदाय के खिलाफ अन्याय पर अब चुप्पी नहीं साधी जाएगी।
यह मामला स्थानीय और राज्य प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बन गया है। पुलिस और प्रशासन ने किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। अगर आपको इस मामले पर और अधिक जानकारी चाहिए, तो मैं इसे विस्तार से उपलब्ध करा सकता हूं।