नागपुर (14 जुलाई, 2024).
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का जी ने कहा कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानकर प्रत्येक व्यक्ति को नागरिक कर्तव्यों का पालन करना आवश्यक है. सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण करने के लिये हमें संकल्पबद्ध समाज का निर्माण करना है और यह करने के लिए अपना कार्य बढ़ाना है.
वह राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधियों की अर्धवार्षिक बैठक के समापन सत्र में संबोधित कर रही थीं. बैठक में लोकमाता अहिल्यादेवी होळकर की 300वीं जन्म शताब्दी के निमित्त 300 कार्यक्रम की योजना बनाई गई. इसमें उनके जीवन संदेश पर आधारित प्रतियोगिता, रील्स, नाट्य प्रवेश, प्रशासनिक अधिकारी से मिलना, युवा हॉस्टल में कार्यक्रम कर अहिल्यादेवी के कर्तृत्व से अवगत करवाना आदि के माध्यम से उनके जीवन को समाजजनों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.
प्रतिनिधि सभा की बैठक में “राष्ट्र सर्वोपरि” विषय पर प्रस्ताव पारित किया गया. प्रतिनिधि सभा ने समाज से आह्वान किया कि सभी भारतवासियों को अपने श्रेष्ठ दर्शन और जीवन मूल्यों को अपना कर उसे आचरण में लाना चाहिए.
भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास के काले अध्याय यानि आपातकाल की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो, यह नितांत आवश्यक है और इसलिए 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” मनाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया.
राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधियों की बैठक 12 से 14 जुलाई 2024 तक स्मृति मंदिर परिसर, नागपुर में संपन्न हुईं. बैठक में 35 प्रांतों से 400 प्रतिनिधि सहभागी हुए.