हाथरस।
-हजारों लोगों ने चारों भाइयों के स्वरूपों की उतारी आरती, जनकपुरी में हुआ विवाह
- हर चौराहे और मंदिर में एक तरह की उमड़ी भीड़
- धार्मिक अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण किए गए
हाथरस में श्रीराम विवाह महोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। यह आयोजन नगर के प्रमुख स्थलों पर हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह का आनंद लिया। इस भव्य उत्सव में राम बारात का आयोजन खास आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें नगरवासियों ने श्रद्धा और उल्लास के साथ भाग लिया।
राम बारात का आयोजन
श्रीराम बारात की शुरुआत होते ही पूरे हाथरस नगर में धार्मिक उत्सव का माहौल बन गया। इस बारात में भगवान श्रीराम के साथ उनके चारों भाइयों—लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न—के रूपों की विशेष झांकियां सजाई गईं। इन झांकियों का स्वागत करने के लिए श्रद्धालु हर गली-मोहल्ले में उमड़ पड़े। बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर राम बारात के स्वागत के लिए खड़े थे। बारात के साथ चलने वाली रंग-बिरंगी झांकियां और भव्य संगीत ने इस आयोजन को और भी जीवंत बना दिया।
आरती का आयोजन
राम बारात के दौरान, हाथरस के विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम और उनके भाइयों के स्वरूपों की श्रद्धा भाव से आरती उतारी। यह दृश्य बहुत ही भावुक और भव्य था। हर चौराहे और मंदिर में एक तरह की भीड़ उमड़ी थी, जो राम की महिमा में डूबे हुए थे। भक्तगण जय श्रीराम के जयकारे लगाते हुए राम-लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के स्वरूपों के दर्शन कर रहे थे।
जनकपुरी में विवाह
श्रीराम की बारात जनकपुरी पहुँची, जहाँ भगवान श्रीराम और माता सीता का पवित्र विवाह हुआ। विवाह स्थल पर विशेष सजावट की गई थी और भक्तों ने बड़ी धूमधाम से विवाह समारोह में हिस्सा लिया। विवाह का यह दृश्य अत्यंत भव्य और आस्था से भरा हुआ था। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण किए गए, जो पूरे वातावरण को दिव्य बना रहे थे।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उल्लास
राम विवाह महोत्सव न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक था। हाथरस के हर वर्ग और समुदाय के लोग इस आयोजन में शामिल हुए, जिससे समाज में एकजुटता और शांति का संदेश गया। इस आयोजन ने इस बात को प्रमाणित किया कि भारतीय संस्कृति में धार्मिक विविधता के बावजूद, सभी समुदाय एक साथ मिलकर ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं।
श्रद्धालुओं का उत्साह
इस महोत्सव में लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के विवाह के इस भव्य आयोजन में भाग लिया। हाथरस के विभिन्न हिस्सों में लगे श्रद्धालु और पर्यटक इस धार्मिक महोत्सव का हिस्सा बने और पूरे आयोजन के दौरान एक साथ उल्लासित रहे।
इस आयोजन ने हाथरस को एक बार फिर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को महसूस कराया और काशी- अयोध्या की तरह इसे भी एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।