कहते हैं मिटटी से जुड़ाव बहुत जरुरी है, मिटटी हमें प्रकृति से जोड़े रखती है। हम भारतीय तो अपनी सुबह की शुरुआत भी धरती माँ को प्रणाम कर करते हैं।मिटटी से हम भारतीयों का जुड़ाव वैदिक काल से ही है, आजकल के आधुनिक दौर में हम इसे भूल बैठे हैं। लेकिन आज भी कुछ लोग अपनी पुरातन संस्कृति और परम्परा का संरक्षण कर रहे हैं।
ऐसा ही एक प्रयास कर रही हैं सफलता समूह संस्था जो मिटटी के बर्तन, तवे और सजावटी मूर्तियों को बना रही है। ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में चल रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में बरसाना निवासी कलुआ मिट्टी के बर्तनों व सजावटी मूर्तियों का स्टाल लगाए हैं। कलुआ ने बताया कि उनके सफलता स्वयं सहायता समूह की सदस्यों के हाथों के हुनर से सारी सामग्री बनाई गई है।
इसमें सबसे अधिक महज 100 रुपये कीमत के बने मिट्टी के तवे की खरीदारी हुई है। मिट्टी के तवे को विदेशी भी खूब पसंद कर रहे हैं। कलुआ के मुताबिक, उनके स्टाल पर मिट्टे के तवे के अलावा रोटियां व सब्जी रखने वाले बाउल, ढक्कन व किचन के कई अन्य सामान भी हैं। इसके अलावा तुलसी का गमला, बुद्धा का फाउंटेन आदि मौजूद हैं। कलुआ ने बताया कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार अधिक बिक्री हुई है। फिलहाल कुछ लोगों ने विशेष मिट्टी के बर्तन के आर्डर भी दिए हैं।
इस तरह के लघु उद्यम ग्रामोदय की अवधारणा को आधार देते हुए अनेक ग्रामीणों को स्वरोजगार दे रहे हैं और साथ ही अपनी भारतीय परम्परा को भी सहेजने का काम कर रहे हैं।