- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर किया घाट का निर्माण
- सीसीटीवी कैमरे, गार्ड्स और अस्थायी चिकित्सा सेवाएं भी घाट पर
- हवाई यात्रा करने वाले पर्यटक सीधे यहां पहुँच सकते हैं
वाराणसी। आज वाराणसी में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ "नमो घाट" का उद्घाटन करेंगे। यह घाट अपने आप में अनोखा है क्योंकि यह देश का पहला ऐसा घाट होगा जो जल, नभ, और थल तीनों से जुड़ा हुआ है। इस घाट का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर किया गया है और यह वाराणसी के सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
नमो घाट की विशेषताएं-
"नमो घाट" आधुनिक तकनीक और पारंपरिक भारतीय स्थापत्य कला का मिश्रण है। यह घाट सिर्फ एक साधारण घाट नहीं है, बल्कि एक बहुउद्देशीय स्थल के रूप में डिजाइन किया गया है:
जल मार्ग - गंगा नदी पर स्थित होने के कारण इसे नावों और क्रूज के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
नभ मार्ग - नमो घाट के पास हेलिपैड की सुविधा भी है, जिससे हवाई यात्रा करने वाले पर्यटक सीधे यहां पहुँच सकते हैं।
थल मार्ग - सड़क मार्ग से भी यहाँ तक पहुंचने की अच्छी सुविधा है, जिससे पर्यटकों के लिए यहां आना आसान हो जाएगा।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र - नमो घाट पर कई विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाएंगी।
रोपवे - घाट पर एक रोपवे की सुविधा भी प्रदान की जा रही है, जिससे पर्यटक गंगा नदी का मनोरम दृश्य ऊँचाई से देख सकेंगे।
लाइट और म्यूजिक शो - इस घाट पर नियमित रूप से लाइट और म्यूजिक शो का आयोजन होगा, जो यहाँ के अनुभव को और अधिक मनोरम बनाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम - यहां विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जो वाराणसी की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाएगा।
विकास और पर्यटन को बढ़ावा - इस घाट का निर्माण वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने और यहां के सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से किया गया है। यह घाट वाराणसी के अन्य प्रसिद्ध घाटों के साथ एक प्रमुख स्थल के रूप में विकसित किया गया है, और उम्मीद है कि इससे शहर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
सुरक्षा और सुविधाएं - पर्यटकों की सुरक्षा के लिए नमो घाट पर सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे, गार्ड्स और अस्थायी चिकित्सा सेवाएं भी घाट पर उपलब्ध होंगी।
राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस घाट के उद्घाटन के साथ ही वाराणसी का यह घाट न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में उभरेगा।