शिक्षा ईश्वर की दी हुई सबसे सुन्दर देन है.....खासकर महिलाओं के लिये यह एक वरदान की तरह है, जो उन्हें समाज में सम्मान दिलाती है और उन्हें आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित भी करती है.....आज हम आपको बता रहे हैं उत्तर प्रदेश के एटा के आवागढ़ की रहने वाली युवती विनीता यादव की कहानी जो ऐसी विवाहित महिलाओं को शिक्षित करा रही है, जिनकी पढाई बीच में छुट गई थी....उन्होंने अपने प्रयासों से लगभग 150 लड़कियों व विवाहित महिलाओं की शिक्षा शुरू कराई...उनके लिए निशुल्क लाइब्रेरी की व्यवस्था की। स्कूल, कॉलेज में प्रवेश दिलाने में सहयोग किया...
आपको बता दें कि विनीता ने स्वयम अपनी पढाई शादी के बाद पूरी की थी... आठवीं के बाद वे नियमित स्कूल नहीं जा सकी और दसवीं, बारवीं की पढाई बिना स्कूल गये केवल परीक्षा देकर पूरी की...शादी के बाद पढने की लगन और परिवार की मदद से उन्होंने एमए की पढाई पूरी की...एमफिल की पढाई आगरा से करने के बाद शिक्षिका बनने के लिए बीएड और एमएड किया...
अब वे आस-पास की ऐसी महिलाओं को शिक्षा से जोड़ रही है जिनकी शिक्षा किसी भी कारण से बीच में छुट गई हो, शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने हेतु उन्हें एक ट्रस्ट से जीवट फ़ेलोशिप मिली है जिसकी सहायता से वे क्षेत्र की बंजारा जाति की बालिकाओं में शिक्षा की ज्योति जगाने का काम कर रही हैं...
शिक्षा के माध्यम से ही हर कोई आगे बढ़ सकता है....विनीता ने यही आत्मविश्वास पहले खुद में जगाया और अब निकल पड़ी हैं इसी आत्मविश्वास को बांटने, विनीता का संकल्प महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ एक कदम है...