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गोंडा में मदरसों का आतंकी गतिविधियों से क्या है कनेक्शन, एटीएस कर रही जांच

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-लगातार दूसरे दिन एटीएस ने जांच में जुटाए साक्ष

- कहां से आता है पैसा, सोर्स की हो रही है जांच

- एटीएस की जांच में कई संदिग्ध मामले आए सामने

 गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की टीम लगातार दूसरे दिन छानबीन कर रही है। यह जांच जिले के छह मदरसों में की जा रही है, जहां संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद यह कदम उठाया गया। एटीएस की टीम इन मदरसों से जुड़े विभिन्न दस्तावेजों और गतिविधियों की जांच कर रही है ताकि किसी भी प्रकार की संभावित संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया जा सके।

छानबीन का उद्देश्य-

एटीएस की छानबीन का मुख्य उद्देश्य इन मदरसों में होने वाली गतिविधियों का निरीक्षण करना और यह समझना है कि कहीं ये संस्थान किसी संदिग्ध गतिविधि में तो लिप्त नहीं हैं। इस दौरान एटीएस टीम ने मदरसों से जुड़े शिक्षकों, छात्रों, प्रबंधन सदस्यों और वहाँ के स्टाफ से भी पूछताछ की है। टीम यह भी जांच कर रही है कि क्या इन मदरसों को किसी प्रकार की विदेशी फंडिंग प्राप्त हो रही है या यहाँ पर किसी अवैध गतिविधि को समर्थन दिया जा रहा है।

 दस्तावेजों और रिकॉर्ड की जांच-

जांच के दौरान एटीएस ने इन मदरसों के वित्तीय लेन-देन, विदेशी फंडिंग, छात्रों की जानकारी, शिक्षकों के पृष्ठभूमि और शैक्षिक कार्यक्रमों के दस्तावेजों की गहराई से जांच की। खासकर ऐसे रिकॉर्ड की पड़ताल की गई है, जिनसे इनके द्वारा संचालित गतिविधियों और इनके स्रोतों के बारे में जानकारी मिल सके। 

 स्थानीय पुलिस का सहयोग-

इस जांच अभियान में स्थानीय पुलिस भी एटीएस की मदद कर रही है। स्थानीय पुलिस ने इन मदरसों के आस-पास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है और समुदाय के सदस्यों से भी जानकारी इकट्ठा की है। इस प्रकार, एटीएस और स्थानीय पुलिस मिलकर इस जांच को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।

संदिग्ध गतिविधियों पर नजर-

एटीएस का यह कदम राज्य में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की नीति का हिस्सा है। एटीएस यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि इन मदरसों के जरिए किसी प्रकार की आतंकी गतिविधि को समर्थन न मिल रहा हो। इस जांच के दौरान, यदि किसी प्रकार की अवैध गतिविधियों या विदेशी नेटवर्क से जुड़ी जानकारी सामने आती है तो एटीएस ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करेगी।

प्रशासन की सतर्कता-

इस जांच से राज्य के प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि को राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता बरत रही हैं ताकि राज्य में शांति और सुरक्षा बनी रहे। 

एटीएस की इस कार्रवाई ने स्थानीय जनता में सुरक्षा के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है। लोगों को उम्मीद है कि इस प्रकार की कार्रवाई से क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और धार्मिक संस्थानों का उपयोग केवल शैक्षिक और सामाजिक कार्यों के लिए ही होगा।