- 150 एकड़ में फैली होगी, 7600 करोड़ रुपये से होगी तैयार
- योग और ध्यान केंद्र, वेद अध्ययन केंद्र, सांस्कृतिक और सामुदायिक
- यह विश्वभर में हिंदू धर्म और भगवान राम के प्रति आस्था को करता है उजागर
उत्तर प्रदेश। ऑस्ट्रेलिया में भगवान श्रीराम का विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनाने की योजना, भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की एक बड़ी पहल हो सकती है। यह परियोजना, यदि साकार होती है, तो इसे भारतीय प्रवासी समुदाय और राम भक्तों के लिए गर्व का विषय माना जाएगा।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में बनने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर को दुनिया का सबसे ऊंचा राम मंदिर बताया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 721 फीट होगी। यह परियोजना श्रीराम वैदिक और सांस्कृतिक ट्रस्ट द्वारा संचालित है, जो 150 एकड़ में फैली होगी और इसकी लागत 7600 करोड़ रुपये है। इसमें योग और ध्यान केंद्र, वेद अध्ययन केंद्र, सांस्कृतिक और सामुदायिक हॉल, आर्ट गैलरी, पुस्तकालय और परमार्थ रसोई जैसी सुविधाएं होंगी। यह परियोजना भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रतीक बनेगी।
यह मंदिर न केवल वास्तुशिल्प के दृष्टिकोण से भव्य होगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, धर्म और मूल्यों का भी प्रतीक बनेगा। इसमें भगवान राम के जीवन, आदर्शों और उनके संदेश को प्रस्तुत करने के लिए विशेष प्रबंध किए जा सकते हैं, जैसे :
ऊंचाई और वास्तुकला -
यह मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा भगवान राम का मंदिर होगा, जो अपने डिजाइन और निर्माण में आधुनिक तकनीक और परंपरागत शिल्पकला का संयोजन प्रदर्शित करेगा।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र -
यह स्थान न केवल पूजा-अर्चना के लिए होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी केंद्र बनेगा।
पर्यटन और सामुदायिक योगदान -
यह परियोजना ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय और अन्य जातीय समूहों को जोड़ने का एक माध्यम भी बन सकती है।
अयोध्या मंदिर की प्रेरणा -
भारत में अयोध्या में बन रहा भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। यह विश्वभर में हिंदू धर्म और भगवान राम के प्रति आस्था को उजागर करता है।