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शहद का असली स्वाद देकर यश कमा रहे किसान यशवीर

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भारत एक कृषि प्रधान देश है हमारे देश की आधे से ज्यादा आबादी खेती पर ही निर्भर है देखने में आ रहा है कि पढ़ने-लिखने के बाद किसानों के बच्चों का खेती से मोह भंग हो रहा है। वे खेती बाड़ी को रोजगार का अच्छा साधन नहीं मानते हैं और कई युवा तो सोचते हैं कि खेती करने में मेहनत ज्यादा लगती है और आमदनी कम होती है लेकिन कुछ युवा ऐसे भी हैं जिनका मन खेती-बाड़ी में रम जाता है खेती किसानी से जुड़े काम को करने से उनको ख़ुशी भी मिलती है और स्वावलंबन भी ऐसी ही एक कहानी है,


उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के जलेसर के रहने वाले यशवीर की जिन्होंने अपने गाँव देहात की मिटटी से जुड़े रहे कर एक ऐसे व्यवसाय को स्वावलंबन का आधार बनाया जिससे उन्हें आमदनी के साथ साथ यश भी मिल रहा है। किसान यशवीर सिंह शहद उत्पादन कर रहे हैं किसान यशवीर सिंह का कहना है कि विशेषज्ञों के अनुसार असली शहद में कई गुण होते हैं, इनमें एंटीऑक्सीएंट होते हैं, जो हृदय रोगियों के लिए बेहद लाभदायक है। एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होने से घाव जल्द भरते हैं, इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, जिंक, कॉपर, आयरन, कैल्शियम आदि भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है।

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यशवीर बताते हैं कि पैतृक जमीन होने के चलते भी उन्हें लग रहा था कि उम्मीद के अनुसार आय नहीं हो रही है, उन्हें शहद के गुणों और बाजार में असली शहद की मांग की जानकारी थी इसलिए उन्होंने मधुमक्खी पालन करने का निर्णय लिया, नया काम होने के कारण शुरुआत में थोड़ी समस्या आयी लेकिन आज उनके शहद की मांग पूरे क्षेत्र में है


 देश की बड़ी कम्पनियों से भी उनके असली शहद की मांग आने लगी हैं यशवीर लोगों को मधुमक्खी पालन करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। ताकि किसान खेती के साथ ही मधुमक्खी पालन से अपनी आय बढ़ा सकें। यशवीर जैसे किसान ही समर्थ और सशक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं