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कार्यशाला

छात्रों ने सीखीं जनसंपर्क की बारीकियां

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छात्रों ने सीखीं जनसंपर्क की बारीकियां

नोएडा। जनसंपर्क का आज के युग में विशेष महत्व है। इसमें किसी व्यक्ति या संगठन तथा इस क्षेत्र से संबंधित लोगों के बीच संपर्क स्थापित किया जाता है। यह सेवा लेने वालों तथा सेवा देने वालों के बीच एक कड़ी का काम करता है। किसी भी संस्थान की समाज में बढ़िया साख के लिए लोगों के बीच जनसंपर्क एक आवश्यक अंग माना जाता है। ये विचार प्रोफेसर (डा.) बंदना पाण्डेय ने शनिवार को सेक्टर-62 स्थित प्रेरणा जन संचार एव शोध संस्थान में जनसंपर्क एवं विज्ञापन हेतु लेखनविषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन व्यक्त किए।

            


प्रोफसर (डा.) बंदना पाण्डेय जी ने छात्रों को बताया कि जन संचार का मतलब केवल प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनि  मीडिया और विज्ञापन ही नहीं, बल्कि जनसंपर्क भी है। प्रजातंत्र के चार स्तंभों की तरह ही प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक , पीआर और विज्ञापन पत्रकारिता के चार स्तम्भ हैं। जनसंपर्क एक द्विपक्षीय कार्रवाई है। सूचनाओं तथा विचारों का आदान-प्रदान इसके माध्यम से ही होता है। उन्होंने जनसंपर्ककर्मी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जनसंपर्ककर्मी को अपने कार्य में माहिर होना चाहिए। वह समाज के बीच संस्थान की ऐसी छवि बनाए, जिसको जनता सराहे। अच्छे जनसंपर्क का पहला तत्व है अच्छा और सकारात्मक प्रदर्शन। उसे अपने संस्थान को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं, बल्कि सही रूप में पेश करना चाहिए। प्रोफेसर (डा.) बंदना पाण्डेय जी आगे बताया कि जनसंपर्क अधिकारी का मतलब यह कतई नहीं है कि दफ्तर खोलकर बैठे रहना, बल्कि व्यवसायिक तरीके से अपने काम को अंजाम देना होता है। जनसंपर्क अधिकारी किसी भी संस्था के लिए सूचना सहायक के रूप में भी कार्य करता है। वह प्रेस रिलीज और कॉन्फ्रैंस आदि प्रचार सामग्री को विकसित करने का कार्य करता हैं। जनसंपर्क अधिकारी के माध्यम से कोई भी व्यक्ति संस्था संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही तमाम संचार माध्यमों और संस्थान के बीच की कड़ी भी होता है। जब किसी पत्रकार को किसी संस्थान के बारे में सूचना चाहिए होती है, तब वह सबसे पहले पीआरओ के पास ही जाता है। इसके अंतर्गत कम्युनिकेशन, मीडिया रिलेशन, क्राइसिस मैनेजमेंट, मार्केटिंग, फाइनेंशियल, पब्लिक रिलेशंस, सरकारी संबंध, औद्योगिक संबंध शामिल हैं। इस अवसर पर विभिन्न मीडिया संस्थानों से पधारे छात्रों ने जनसपंर्क की बारीकियां सीखीं।


कार्यशाला का संचालन आदित्य देव त्यागी जी ने किया।