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10 साल में भारत ने लॉन्च किए 398 विदेशी सैटेलाइट, दुनिया में बढ़ा दबदबा

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- 2014 से पहले 35 वर्षों में मात्र 35 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा 11 गुना बढ़कर 398 तक पहुंच गया

- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बीते 10 वर्षों में विदेशी सैटेलाइट प्रक्षेपण में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की है, जिससे भारत दुनिया का नया लॉन्चपैड बनता जा रहा है

नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 2014 से पहले 35 वर्षों में मात्र 35 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा 11 गुना बढ़कर 398 तक पहुंच गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बीते 10 वर्षों में विदेशी सैटेलाइट प्रक्षेपण में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की है, जिससे भारत दुनिया का नया लॉन्चपैड बनता जा रहा है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर तीन ग्राफिक्स साझा कर अपनी सरकार के कार्यकाल में अंतरिक्ष क्षेत्र में हुई प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "जब अंतरिक्ष क्षेत्र की बात आती है, तो भारत पर दांव लगाएं।"  

अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत - 

इसरो के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से पहले 35 वर्षों में कुल 106 सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे, जबकि 2014 के बाद केवल 10 वर्षों में 457 सैटेलाइट सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत अब ग्लोबल सैटेलाइट लॉन्च हब बनता जा रहा है।  

सैटेलाइट लॉन्चिंग की पसंदीदा जगह बना भारत -  

भारत अब विदेशी स्पेस एजेंसियों और निजी कंपनियों के लिए सैटेलाइट प्रक्षेपण की प्रमुख जगह बन गया है। इसरो की विश्वसनीयता, लागत प्रभावी तकनीक और उन्नत प्रक्षेपण क्षमताओं ने भारत को वैश्विक स्तर पर प्रमुख स्पेस पावर बना दिया है।  

प्रक्षेपण मिशन दर में तेज वृद्धि - 

भारत की प्रक्षेपण क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 1979 से 2014 तक, औसतन हर साल 1.2 मिशन लॉन्च किए जाते थे, लेकिन 2014-2025 के बीच यह दर 5.2 मिशन प्रति वर्ष तक पहुंच गई है।  

स्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत -

मोदी सरकार के कार्यकाल में निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोला गया, जिससे देश की क्षमताओं को और मजबूती मिली। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब देश में अत्याधुनिक उपग्रहों और लॉन्च व्हीकल्स का विकास तेजी से हो रहा है।  

अंतरिक्ष में भारत का भविष्य उज्ज्वल -  

भारत की इस सफलता ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि अंतरिक्ष अन्वेषण और सैटेलाइट प्रक्षेपण के क्षेत्र में भारत एक मजबूत खिलाड़ी बन चुका है। आने वाले वर्षों में इसरो और अन्य भारतीय कंपनियां चंद्रमा, मंगल और गहरे अंतरिक्ष मिशनों में भी बड़ी भूमिका निभाएंगी।