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संगम पर भक्ति का अनंत प्रवाह, अब तक 54 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी

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प्रयागराज

- मेला प्रशासन के अनुसार, शाम आठ बजे तक 1.35 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृतमयी त्रिवेणी में डुबकी लगाई

- अब तक कुल 54.31 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, जिससे महाकुंभ का यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया है  

महाकुंभ 2025 में आस्था और भक्ति की लहरें संगम तट पर अनवरत उमड़ रही हैं। सोमवार को पुण्य स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब संगम की ओर उमड़ा, जिससे सभी रास्ते खचाखच भर गए। मेला प्रशासन के अनुसार, शाम आठ बजे तक 1.35 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृतमयी त्रिवेणी में डुबकी लगाई। अब तक कुल 54.31 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, जिससे महाकुंभ का यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया है।  

जनसैलाब से भर गए प्रयागराज के सभी रास्ते-  

संगम जाने वाले हर मार्ग पर श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ा- रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और सड़कों पर भीड़ इतनी अधिक हो गई कि प्रयागराज जंक्शन के 10 प्लेटफार्मों पर तिल रखने की भी जगह नहीं बची। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रेलवे प्रशासन को घंटे-घंटे भर के लिए यात्रियों का प्रवेश रोकना पड़ा।  

मेला प्रशासन और पुलिस बल ने भीड़ प्रबंधन के लिए अंदावा, नैनी, फाफामऊ और कोखराज रूट पर तीन चरणों में बैरिकेडिंग कर यातायात को वन वे करना पड़ा। वहीं, प्रशासन की ओर से लगातार श्रद्धालुओं से घाटों पर भीड़ न लगाने की अपील की जाती रही।  

भक्ति में लीन श्रद्धालुओं ने किए गगनभेदी जयघोष-  

संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं की भक्ति और उत्साह अपने चरम पर नजर आया। सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए श्रद्धालु हर हर महादेव, जय गंगा मैया, जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष के बीच संगम की ओर बढ़ते रहे।  

आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इस दृश्य में प्रयागराज के स्थानीय लोगों ने भी श्रद्धालुओं की सेवा और सहायता में बढ़-चढ़कर योगदान दिया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए भीड़ प्रबंधन में लगे रहे।  

भीड़ के कारण गलियों का सहारा लेने लगे श्रद्धालु- 

महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि प्रयागराज की प्रमुख सड़कों पर तिल रखने की भी जगह नहीं बची। जब मुख्य मार्ग पूरी तरह पैक हो गए, तो श्रद्धालुओं ने गलियों का रुख कर संगम की राह पकड़ ली।  

महाकुंभ 2025 का यह महासंगम भक्ति, आस्था और सेवा की मिसाल पेश कर रहा है, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु मोक्ष और पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उमड़ रहे हैं।