रामपुर के किसान अब अपनी मेहनत से मिसाल बन रहे हैं
जहाँ बाकी किसान परंपरागत खेती कर रहे हैं, वहीं एक किसान ने कुछ नया प्रयोग किया है।
अजीमनगर इलाके के कुंडों की मड़ैया गांव के किसान छत्रपाल अपने खेतों में उगा रहे हैं जुगनू तुरई की फसल.... नाम जितना अनोखा, फसल उतनी ही शानदार जुगनू तुरई की सबसे खास बात है कि ये मात्र 40 दिनों में तैयार हो जाती है... और इसकी पैदावार भी बंपर है मतलब एक फसल में लगभग 600 क्विंटल तक की उपज।

इसकी मार्केट वैल्यू भी जबरदस्त है —100 रुपये किलो तक बिकने वाली ये तुरई,
70 रुपये और 20 रुपये किलो तक के दाम पर भी किसानों को बढ़िया मुनाफा दे रही है।
रामपुर की जुगनू तुरई की मांग विदेशों तक पहुँच चुकी है, अब यह रामपुर की मिट्टी का नाम दुनिया तक पहुँचा रही है। कम मेहनत, ज्यादा लाभ… यही तो है स्मार्ट किसान की स्मार्ट खेती का कमाल।
देसी बाजारों से लेकर विदेशों तक में डिमांड बढ़ने से रामपुर की धरती से निकली ‘जुगनू तुरई’, अब किसानों की आमदनी की नई रोशनी बन गई है।



